भारतीय चुनाव आयोग के इलेक्टोरल बॉन्ड डाटा के मुताबिक इसमें 22 लोगो ने लगभग 100 करोड़ रुपए का दान किया हैं। जिसमे पहला नाम मेघा इंजीनियरिंग है।
15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था और भारतीय चुनाव आयोग को इसकी सम्पूर्ण जानकारी सौंपने का आदेश दिया था।